February 23, 2025
Anupama Written Update 29 October 2023

Anupama Written Update 29 October 2023

एपिसोड शुरू होता है अनुपमा के सपने से, जिसमें वो अनुज से दूर जाती दिख रही हैं। वो रो रही है और हाथ फैलाकर अनुज को वापस आने के लिए कह रही है। अचानक वो जाग जाती है और अपने कमरे में पाती है। उसे एहसास होता है कि ये सिर्फ एक सपना था, लेकिन दिल अभी भी बेचैन है।

उसी समय, वनराज और काव्या कमरे में आते हैं। वनराज फिर से अनुपमा को घर वापस आने के लिए मनाने की कोशिश करता है। वो कहता है कि बापूजी के बिना ये घर अधूरा है और उनकी इच्छा थी कि पूरा परिवार फिर से साथ रहे। अनुपमा इस बात से सहमत तो होती है, लेकिन कहती है कि उसे थोड़ा समय चाहिए। वो समझाती है कि अभी छोटी अनु का हाल ठीक नहीं है और वो उसे तनाव देना नहीं चाहती।

दूसरी तरफ, काव्या को लगता है कि अनुपमा के दिल में अभी भी अनुज के लिए जगह है। वो वनराज को भी ये बात समझाने की कोशिश करती है, लेकिन वनराज उसकी बात को टाल देता है। वो अभी भी इस रिश्ते को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है।

इस बीच, कपाड़िया हाउस में अनुज उदास होकर बैठा है। वो छोटी अनु की तस्वीर देख रहा है और उससे बात कर रहा है। वो अपने आप से सवाल करता है कि क्या उसने सही फैसला लिया है। शाह परिवार को खुश रहने देने के लिए क्या उसे खुद को छोटा करना पड़ेगा?

अचानक, शाह परिवार का फोन आता है। ये बाबूजी के निधन की खबर है। अनुज सदमे में आ जाता है और तुरंत ही शाह परिवार के पास जाने का फैसला करता है।

शाह परिवार में शोक का माहौल है। सभी बापूजी को याद कर रहे हैं। अनुपमा रोते हुए अपनी गलती मान रही है कि वो बापूजी को आखिरी बार देख भी नहीं पाई। वनराज उसे समझाने की कोशिश करता है और कहता है कि बापूजी चाहते थे कि अनुपमा खुश रहे, इसलिए उसे अपने हिसाब से जिंदगी जिए।

अनुज शाह परिवार के पास पहुंचता है। वो अनुपमा को देखकर भावुक हो जाता है और उसे गले लगा लेता है। दोनों ही बापूजी के जाने के गम में रोते हुए हताश दिखाई देते हैं।

इस दुख के बीच, वनराज अपनी नफरत को छिपा नहीं पाता। वो अनुज को देखकर क्रोधित हो जाता है और शाह परिवार के सामने ही उससे झगड़े पर उतर आता है। अनुपमा और काव्या दोनों उसे रोकने की कोशिश करते हैं, लेकिन दोनों में फिर से बहस हो जाती है।

अनुज इस स्थिति को शांत करने की कोशिश करता है और वनराज से कहता है कि वो बापूजी का आदर करता है और उनके जाने का गम उसे भी है। वो सिर्फ अनुपमा के परिवार का साथ देने आया है।

बापूजी का अंतिम संस्कार होता है। पूरा शाह परिवार और कपाड़िया परिवार उनको अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। अनुज और अनुपमा एक-दूसरे को देखते हैं, उनकी आंखों में अनकही बातें छलक रही हैं।

एपिसोड के अंत में, अनुपमा अपने मन में सोचती है कि वो चाहती है कि सब कुछ पहले जैसा हो जाए। बापूजी की मौत ने उसे झकझोर दिया है और वो सोचती है कि क्या यह एक संकेत है कि उसे अपने मन की बात सुननी चाहिए और अनुज के साथ मिलकर खुश रहने का रास्ता ढूंढना चाहिए। लेकिन उसे वनराज और परिवार के प्रति भी अपनी जिम्मेदारियां याद आती हैं।

क्या अनुपमा अपने दिल की मानेगी या फिर परिवार के लिए अपने सपनों का बलिदान देगी? अगले एपिसोड में देखेंगे..

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